Stock market Basics[भारतीय शेयर बाजार ]=
आर्थिक बाजार (Financial Markets):
आर्थिक बाजार लोगों को शेअर्स, बॉन्ड आदी मे निवेश करने की सुविधा देते
है। आर्थिक बाजार को प्रमुख रूप से दो प्रकारों मे विभाजित किया जा सकता
है। वो है नकद बाजार (मनी मार्केट) और पूंजी (कॅपिटल) बाजार।
नगद बाजार -मनी मार्केट (Money Market):
मनी मार्केट प्रमुख रूप से डेब्ट सिक्युरिटी, जैसे की ट्रेजरी बिल आदी के साथ
संबंधित होता है। उसमे कम समयवाले डेब्ट ईन्स्ट्रमेन्ट का ट्रेडिंग होता है।
शेयर बाजार (Capital Market/Stock Market)=
कॅपिटल मार्केट मे शेअर्स और दीर्घ समयवाले डेब्ट ईन्स्ट्रेन्ट का ट्रेडिंग होता
है। उसमे डेब्ट और शेअर्स ईन दोनों का ट्रेडिंग किया जाता है।
कॅपिटल मार्केट को और भी दो प्रकार के बाजार मे विभाजीत किया जा सकता
प्राईमरी मार्केट
सेकेन्डरी मार्केट
प्राईमरी मार्केट मे कंपनी स्वयं के शेअर्स लोगों को निवेष करने के लिए
पहली बार ऑफर करती है। यह एक ऐसा माध्यम है की जिसकी मदद से
औदयोगिक क्षेत्र की संस्थाए या कंपनीया उनकी योजनाओं के विस्तार
केलिए जरूरी रकम जमा करते है।
* सेकेन्डरी मार्केट मे लिस्ट हुए शेअर्स का ट्रेडिंग किया जाता है। इसके
द्वारा लोगों को एक ऐसा प्लॅटफॉर्म मिलता है जहापर वो शेअर्स, डेब्ट,
डिबेन्चर आदी की लेन-देन करके टेडिंग कर सकते है। आज कीऔद्यागिक संस्थाओं केलिए यह एक उतलम मिडियम बना है उरूरी र्कम
अमा करने और नियेधकी की अच्छी और फायदेम्ंद कंपनीयो मे निवेध
करने का मीका मिलता है।
भारत मे सभी प्रादेशिक शैश्र वाजारों के एक्सचेन्द्र उपलब्ध है जिन्मे
कंपनीयो के शेयर का टैडिंग किया जाता है। पर इनमे बताने लायक
प्रमुख दो ही एक्सचेन्ज है, जिनमे जादातर शेयर का अच्छे व्हॉल्युम के
साथ ट्रेडिंग होता है।
बॉप्ये स्टॉक एक्सचेन्न बी. एस.ई (Bombay Stock Exchange
यह सिर्फ भारत का ही नही बल्कि संपूर्ण एशिया का एक पुराना स्टॉक
एक्सचेन्ज है।
भारतका यह पहला सरकारी अनुमतीवाला एक्सचेन्र है।
* वी.एस.ई, मे बोल्ट के आधार पर शे्अर्स का ऑनलाईन ट्रेडिंग किया
जाता है।
वी,एस.ई, ने भारत मे ४०० से भी अधिक शहरों में अपनी सेवा शुरू की है
नेशनल स्टॉक एक्सचेन्ज एन.एस.ई (National Stock Exchange
* नेशनल स्टॉक एक्सचेन्ज (एन.एस.ई.) मे अप्रेल १९९४ से होलसेल
डेब्ट मार्केट मे ट्रेडिंग शुरू हुआ और जून १९९४ मे कॅपिटल मार्केट
यानकी शेअर्स का ट्रेडिंग शुरू हुआ।
तब से आजतक वह एक अच्छे व्हॉल्यूमवाला एक्सचेन्ज बना है।
उसने एनएससीसीएल (NSCCL) की रचना की है जो क्लीअरींग और
सेटलमेन्ट का कार्य करती है।
एन.एस.ई, भारत मे उसके टर्मिनल का अच्छा खासा नेटवर्क है।
. एन.एस.ई. ईटरनेट पर भी ट्रैडिंग की सुविधा दी जाती है।
(Note):
बोकर को एक्सचन्ज का सभासद होना पडता है, जिस से निवेषक उनकी मदद
में बाजार मे ट्रेडिंग कर सकते हैं। फिलहाल दोनों बाजार मे ट्रेडिंग का समय
यह सुबह ९:०० से दोपहर ३:३० के बिच का है।
ईन्डेक्स (Index):
(एन.एस.ई.) और (बी.एस.ई.) मे लिस्ट हुए हाई लिक्वीडीटी (नगद)
वाली कंपनीयो के आधार पर उसकी रचना की जाती है। वहा प्रमुख रूप
से दो ईन्डेक्स की चर्चा की जाती है सेन्सेक्स और निफ्टी के सेक्टर पर
आधारीत कई और भी ईन्डेक्स उपलब्ध है।
सेन्सेक्स (Sensex):
बी.एस.ई. पर आधारीत ईन्डेक्स को "सेन्सेक्स" कहा जाता है।
उसकी रचना प्रथम १९८५ मे हुई और उसकी गिणती मार्केट
कॅपिटलायजेशन वेटेड तरीके से हुई।
बी.एस.ई. मे विविध क्षेत्रपर प्रभुत्ववाले "३०" कंपनीयों का समावेष किया
गया है।
बी.एस.ई. का १९७८-७९ यह बेस वर्ष कहके माना जाता है।
भारतीय अर्थतंत्र की स्थिती का चित्रण करने केलिए उसे बहुत ही
महत्वपूर्ण समझा जाता है।
निफ्टी (Nifty):
एन.एस.ई. पर आधारीत ईन्डेक्स को "निफ्टी" कहा जाता है।
एन.एस.ई. मे २२ विविध क्षेत्रों मे प्रभुत्ववाली "५०" कंपनीयो का
समावेष किया गया है।
उसका रचना बीएसई से कछ अलग है। सेन्सेक्स मे फ्लोटिंग
कीपिटलायजेशन के आधार पर ईन्डेक्सकी गणना की जाती है। जिससे
* निफटी से एक कदम पिछे है और उसकी गणना उसमे के ५० शेअर्स के
संपूर्ण कैपिटलायजेशन से की जाती है।
*. उसकी रचना १९९५ मे हुई और उसका बेस स्तर यह १००० का माना
जाता है।
उसका उपयोग विविध कार्य जैसे की फंड पोर्टफोलिओ, ईन्डेक्सपर्
आधारीत डेरिवेटिव्हज और ईन्डेक्स फंड के बेन्च मार्किंग केलिए किया
जाता है।
फिलहाल फ्युचर्स और ऑप्शन्स यह निफ्टी मे समाविष्ट है।
सेबी -
सिक्योरिटीज अँड एक्सचेन्ज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI):
सेवी की रचना अप्रेल १२, १९९२ मे हुई। वह प्रमुखरूप से केंद्रीय
सरकार के नियंत्रण की भूमिका निभाती है।
उसका मुख्य हेतू और कार्य निचे की तरह है।
* उसकी मूलभूत जिम्मेदारी निवेषकों के हितों का रक्षण करना यह है और
बाजार मे जरूरी कानून और नियमो का पालन हो रहा है या नही यह
देखना है।
शेअर बाजार की प्रगती और उसके नियमो का पालन।
फ्युचर और ऑप्शन के बाजार का नियमन करना।
पोर्टफोलीओ मॅनेजमेन्ट केलिए जरूरी मार्गदर्शन करना।
शेअर बाजार और अन्य बाजार के साथ जुडे हुए मध्यस्थ लोगों का
मार्गदर्शन करना।
शेअर ट्रान्सफर एजन्ट और रजिस्ट्रार ईन्हे मार्गदर्शक सूचनाये देना।
आयपीओ, म्युच्युअल फंड और डेब्ट ईन्स्ट्रमेन्ट केलिए योग्य सूचनाये
कंपनी टेकओवर केलिए जरूरी मार्गदर्शन करना।
ईन्साईडर ट्रेडिंग केलिए मार्गदर्शन करना।
औदयोगिक संस्थाओ केलिए आवश्यक आचार संहिता का पालन करना
लिखित स्वरूप में पेश कर सकते।
(Note):
बोकर को एक्सचन्ज का सभासद होना पडता है, जिस से निवेषक उनकी मदद
में बाजार मे ट्रेडिंग कर सकते हैं। फिलहाल दोनों बाजार मे ट्रेडिंग का समय
यह सुबह ९:०० से दोपहर ३:३० के बिच का है।
ईन्डेक्स (Index):
(एन.एस.ई.) और (बी.एस.ई.) मे लिस्ट हुए हाई लिक्वीडीटी (नगद)
वाली कंपनीयो के आधार पर उसकी रचना की जाती है। वहा प्रमुख रूप
से दो ईन्डेक्स की चर्चा की जाती है सेन्सेक्स और निफ्टी के सेक्टर पर
आधारीत कई और भी ईन्डेक्स उपलब्ध है।
सेन्सेक्स (Sensex):
बी.एस.ई. पर आधारीत ईन्डेक्स को "सेन्सेक्स" कहा जाता है।
उसकी रचना प्रथम १९८५ मे हुई और उसकी गिणती मार्केट
कॅपिटलायजेशन वेटेड तरीके से हुई।
बी.एस.ई. मे विविध क्षेत्रपर प्रभुत्ववाले "३०" कंपनीयों का समावेष किया
गया है।
बी.एस.ई. का १९७८-७९ यह बेस वर्ष कहके माना जाता है।
भारतीय अर्थतंत्र की स्थिती का चित्रण करने केलिए उसे बहुत ही
महत्वपूर्ण समझा जाता है।
निफ्टी (Nifty):
एन.एस.ई. पर आधारीत ईन्डेक्स को "निफ्टी" कहा जाता है।
एन.एस.ई. मे २२ विविध क्षेत्रों मे प्रभुत्ववाली "५०" कंपनीयो का
समावेष किया गया है।
उसका रचना बीएसई से कछ अलग है। सेन्सेक्स मे फ्लोटिंग
कीपिटलायजेशन के आधार पर ईन्डेक्सकी गणना की जाती है। जिससे
* निफटी से एक कदम पिछे है और उसकी गणना उसमे के ५० शेअर्स के
संपूर्ण कैपिटलायजेशन से की जाती है।
*. उसकी रचना १९९५ मे हुई और उसका बेस स्तर यह १००० का माना
जाता है।
उसका उपयोग विविध कार्य जैसे की फंड पोर्टफोलिओ, ईन्डेक्सपर्
आधारीत डेरिवेटिव्हज और ईन्डेक्स फंड के बेन्च मार्किंग केलिए किया
जाता है।
फिलहाल फ्युचर्स और ऑप्शन्स यह निफ्टी मे समाविष्ट है।
सेबी -
सिक्योरिटीज अँड एक्सचेन्ज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI):
सेवी की रचना अप्रेल १२, १९९२ मे हुई। वह प्रमुखरूप से केंद्रीय
सरकार के नियंत्रण की भूमिका निभाती है।
उसका मुख्य हेतू और कार्य निचे की तरह है।
* उसकी मूलभूत जिम्मेदारी निवेषकों के हितों का रक्षण करना यह है और
बाजार मे जरूरी कानून और नियमो का पालन हो रहा है या नही यह
देखना है।
शेअर बाजार की प्रगती और उसके नियमो का पालन।
फ्युचर और ऑप्शन के बाजार का नियमन करना।
पोर्टफोलीओ मॅनेजमेन्ट केलिए जरूरी मार्गदर्शन करना।
शेअर बाजार और अन्य बाजार के साथ जुडे हुए मध्यस्थ लोगों का
मार्गदर्शन करना।
शेअर ट्रान्सफर एजन्ट और रजिस्ट्रार ईन्हे मार्गदर्शक सूचनाये देना।
आयपीओ, म्युच्युअल फंड और डेब्ट ईन्स्ट्रमेन्ट केलिए योग्य सूचनाये
कंपनी टेकओवर केलिए जरूरी मार्गदर्शन करना।
ईन्साईडर ट्रेडिंग केलिए मार्गदर्शन करना।
औदयोगिक संस्थाओ केलिए आवश्यक आचार संहिता का पालन करना
लिखित स्वरूप में पेश कर सकते।
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